कभी-कभी ज़िंदगी में ऐसे पल आ जाते हैं जो कुछ सेकंड के लिए हमें चुप कर देते हैं… बिल्कुल speechless। मेरे साथ ऐसा पल तब आया जब मैं उस पहाड़ की चोटी पर पहुंचा और नीचे पूरा गाँव बच्चे की drawing जैसा साफ-साफ दिख रहा था।
अजीब बात ये है कि मैं उस गाँव में बड़ा हुआ हूँ। वहीं दाल-चावल खाया, वहीं गली में क्रिकेट खेला, वहीं बारिश में फिसल-फिसलकर घर आया। लेकिन ऊपर से पहली बार उसे देखने का एहसास… बिलकुल अलग था। महसूस हुआ कि कभी-कभी हमें अपने ही घर को समझने के लिए थोड़ा दूर जाना पड़ता है।
अब यह trend अचानक क्यों viral हो रहा है — “पहाड़ की चोटी से दिखा पूरा गाँव”? शायद इसलिए क्योंकि social media पर लोग फिर से nature wali चीज़ों की ओर खिंच रहे हैं। इतनी दौड़-भाग के बीच लोग एक moment चाहते हैं जो उन्हें rooted feel कराए। बिल्कुल वैसा ही पल था वो।
ऊपर खड़े होकर ऐसा लगा जैसे दुनिया थोड़ी धीमी हो गई

मैंने जब नीचे देखा तो सब कुछ छोटा-सा लगा — खेत, घर, आँगन… और हाँ, वो पुराना पीपल का पेड़ भी। मेरा घर, जो जमीन से इतना बड़ा लगता है, ऊपर से एक छोटी सी matchbox जैसा दिखाई दे रहा था।
दिल में हल्की-सी हंसी भी आई और हल्की-सी pinch भी। हंसी इसलिए कि हम चीज़ों को कितना बड़ा मान लेते हैं… और pinch इसलिए कि जिंदगी में कितनी तेजी से सब बदल गया है।
ये trend इसलिए भी popular हो रहा है क्योंकि लोग थोड़ी देर के लिए अपने routine को ऊपर से देखना चाहते हैं — literally और emotionally दोनों तरह से। और शायद इसलिए ये photos इतना connect कर रही हैं।
लोग कहते हैं पहाड़ मन साफ कर देता है… सच में करता है
मैं honestly बोलूँ, नीचे का नज़ारा देखकर दिल में एक अजीब-सी warmth आई। ऐसा लगा कि हर चीज़ अपनी असली जगह पर है। गाँव वैसा ही है — बस हम बदल गए हैं।
और ये बात सिर्फ मेरे साथ नहीं है। मैंने comments पढ़े थे इसी ट्रेंड के videos पर —
- किसी ने लिखा: “यार, मेरा गाँव इतना प्यारा लगता है, पता ही नहीं था।”
- किसी ने कहा: “City ने सब छीन लिया… ये pictures देख कर दिल भर आता है।”
मुझे लगता है ये trend लोगों को फिर से slow living की याद दिला रहा है। वो life जिसे हमने modern hustle में almost खो दिया है।
पहाड़ की चोटी से दिखा गाँव — आज की generation इसे क्यों इतना feel कर रही है?
आजकल young लोगों में अचानक hill retreats, village stays और small treks का craze बढ़ रहा है। यहाँ तक कि कई लोग अपने गाँव को drone से shoot करके पूरा cinematic video बना देते हैं।
पर यकीन मानिए… आँखों से देखना और अलग होता है।
जैसे बचपन की चीजें दोबारा छूकर देखना।
शायद इस generation को पहली बार एहसास हो रहा है कि peace Instagram के reels में नहीं, पहाड़ की हवा में मिलता है।
और हाँ, ये trend pure coincidence नहीं है। Air quality साफ होती है, लोग ज्यादा traveling कर रहे हैं, और content consumption भी slow-paced nature vibes पर shift हो रहा है — यही वजह है कि “पहाड़ की चोटी से दिखा गाँव” जैसे visuals तुरंत viral हो जाते हैं।
अगर tourism की नज़र से देखें, तो ये moment छोटा नहीं—बहुत बड़ा है
कई छोटे गाँव अब ऐसे viewpoint पर benches लगा रहे हैं, छोटे homestays खोल रहे हैं, young लोग guides बन रहे हैं। यह trend बहुत organic तरीके से rural tourism को boost कर रहा है।
मुझे लगता है ये एक rare मौका है छोटे गाँवों के लिए —
बिना बड़े hotel, बिना huge budget — सिर्फ nature और vibe के दम पर लोग attract हो रहे हैं।
मैंने तो personally दो village homestay owners से बात की थी और उन्होंने कहा कि ऐसे content की वजह से पिछले तीन साल में छोटे गाँवों में footfall बढ़ा है।
एक छोटा data section भी देख लीजिए — ताकि चीजें clear हों
| Change / Trend | पिछले 3 साल | अभी |
|---|---|---|
| Hill village tourism | Medium | Very High |
| Social-media virality | Low | Extreme High |
| Young travelers | City-focused | Nature-focused |
| Interest in roots | Low | Suddenly High |
इसका मतलब?
Simple है — शहरों की भाग-दौड़ ने लोगों को tired कर दिया है और अब लोग ऐसी जगहें ढूंढ रहे हैं जहाँ मन सच में शांत हो जाए।
कभी-कभी नज़रिया बदलने के लिए बस 20 मिनट चढ़ना काफी होता है
लोग कहते हैं — “escape करके पहाड़ चले जाओ।”
मैं कहता हूँ — “कभी अपने गाँव को ही ऊपर से देख लो।”
चोटी पर खड़ा होकर मैंने महसूस किया कि हम ground पर खड़े रहकर life को बहुत गंभीरता से लेते हैं। ऊपर से देखा… तो लगा कि शायद life उतनी complicated है ही नहीं।
जैसे हमने पहले “जब पहली बार snow देखा – वो पल जिसने नजरिया बदल दिया” वाले लेख में कहा था —
कई बार देखने का तरीका बदल जाता है, और जिंदगी भी।
जब मैंने पहली बार snow देखा – मुझे लगा मेरा जो सपना था इसे देखना का वो सच हो गया वो भी जब मैंने बिलकुल इसकी उम्मीद नहीं की थी .
Conclusion से पहले एक छोटी सी बात…

जब नीचे उतर रहा था, तो बस एक line दिमाग में चल रही थी —
“हम अपने गाँव से प्यार करते हैं, लेकिन उसे ऊपर से देखकर हम खुद को और साफ देख पाते हैं।”
इस पूरी journey ने मुझे grounded feel कराया… और शायद आपको भी ये महसूस होगा जब आप ऐसा moment जिएँगे।
Conclusion: पहाड़ की चोटी से दिखा गाँव — बस एक दृश्य नहीं, एक याद बन जाता है
“पहाड़ की चोटी से दिखा गाँव” सिर्फ trend नहीं है।
ये reminder है —
कि roots important हैं,
कि life सुंदर है,
कि simplicity underrated है।
अगर कभी मौका मिले, तो बिना सोचे ऊपर चढ़ जाना।
किसी trek पर नहीं — अपने ही गाँव को नए नजरिए से देखने के लिए।
मुझे तो honestly लगता है कि हर इंसान को life में एक बार ये moment ज़रूर feel करना चाहिए।
ये छोटा-सा दृश्य, बड़ी-सी clarity दे देता है।