पिछले महीने की बात है। दिल्ली से कुछ दोस्त निकल पड़े थे मसूरी के लिए — weekend getaway का plan था। रास्ते में बारिश शुरू हो गई, सड़के फिसलन भरी हो गईं और उनका car brake अचानक fail होने लगा। किसी तरह वो safe रहे, लेकिन उस दिन उन्होंने समझा — पहाड़ों में adventure जितना रोमांचक है, उतना ही risky भी।
सोचिए, जब हम Instagram या YouTube पर किसी vlogger को पहाड़ों में घूमते देखते हैं — वो खूबसूरत valleys, waterfalls, foggy roads — तो हमें लगता है “क्या peaceful life है!”
लेकिन ground reality में, mountain travel में हर मोड़ पर सावधानी जरूरी होती है।
इसीलिए आज हम बात करेंगे “पहाड़ी इलाकों में travel के 7 safety tips” की — जो न सिर्फ आपके सफर को comfortable बनाएंगे, बल्कि आपको कई परेशानियों से भी बचाएंगे।
☔ 1. मौसम को lightly मत लीजिए

पहाड़ों का मौसम unpredictable होता है — सुबह धूप, दोपहर को बादल, और शाम तक बारिश या बर्फ़।
कई बार लोग बिना check किए निकल पड़ते हैं और बीच रास्ते में landslide या roadblock में फंस जाते हैं।
इसलिए निकलने से पहले local forecast जरूर देखें।
Uttarakhand और Himachal जैसे इलाकों में monsoon के दौरान कई जगहों पर road बंद हो जाती हैं।
मैंने खुद एक बार देखा था — नैनीताल के पास बारिश में एक bike rider फिसल गया क्योंकि उसने waterproof jacket नहीं पहनी थी।
छोटी-छोटी बातें, लेकिन बहुत बड़ा फर्क डालती हैं।
🧭 2. Unknown routes में blind faith न करें
Google Maps helpful है, लेकिन पहाड़ों में हर जगह accurate नहीं होता।
कई बार maps आपको ऐसे रास्ते पर भेज देते हैं जो local लोग भी avoid करते हैं।
इसलिए अगर possible हो तो किसी local guide या taxi driver से route confirm करें।
जैसे हमने पहले [गाँव की सर्दी सुबह] वाले article में बताया था, पहाड़ों की roads deceptive हो सकती हैं — दिखती smooth हैं, लेकिन नीचे खिसकन या loose mud होता है।
यहां तक कि कुछ villages में network भी नहीं मिलता। ऐसे में offline map download करके चलना समझदारी है।
🧳 3. Travel light, लेकिन जरूरी सामान साथ रखें
पहाड़ी इलाकों में ज्यादा सामान लेकर चलना भारी गलती है।
पहाड़ों पर हर कदम uphill होता है — extra luggage आपको थका देता है।
लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि जरूरी चीजें छोड़ दें।
एक small first-aid kit, torch, power bank, और raincoat हमेशा bag में रखें।
कई seasoned travelers कहते हैं — “पहाड़ों में travel करना survival skill सिखा देता है।”
और सच में, अगर आपने basic safety gear साथ रखा, तो आप किसी भी emergency में handle कर सकते हैं।
🚗 4. वाहन की जांच खुद करें – भरोसा लेकिन verify करके
अगर आप खुद drive कर रहे हैं, तो निकलने से पहले brakes, tyres और fuel check करें।
पहाड़ों में brake का काम plain roads से कई गुना ज्यादा होता है।
और tyres अगर पुराने हैं तो downhill drive में control खो सकता है।
नीचे एक छोटा comparison table देखें 👇
| Vehicle Check | क्यों जरूरी है | Risk अगर न करें |
|---|---|---|
| Brakes | Slopes पर control बनाए रखने के लिए | Accident या slip |
| Tyres | Grip और balance के लिए | Skidding या puncture |
| Fuel | दूर-दूर तक petrol pump नहीं होते | बीच में फंसना |
इसका मतलब ये नहीं कि आपको mechanic बनना पड़ेगा — बस basic understanding रखें और हर trip से पहले vehicle inspection करवा लें।
🏠 5. Local stay चुनें, isolated जगह नहीं
कई लोग peace के चक्कर में बहुत दूर lodge या homestay बुक कर लेते हैं।
लेकिन emergency में nearby help नहीं मिलती।
इसलिए कोशिश करें कि आपका stay किसी populated area में हो, जहां local shops या small medical help आसानी से मिल सके।
आपको जानकर हैरानी होगी कि कई hill-stations पर homestays तो हैं, लेकिन आसपास hospital तक 10–15 km दूर होता है।
इसलिए comfort के साथ-साथ accessibility भी check करें।
📱 6. Network & emergency contact हमेशा ready रखें
पहाड़ों में कई जगह mobile signal गायब हो जाता है।
ऐसे में offline map और SOS numbers handy रखें।
आप 112 (India emergency helpline) या 1070 (disaster helpline) जैसे numbers note कर लें।
कई locals के पास भी walkie-talkie या basic wireless set होता है।
अगर आप trekking या off-road जा रहे हैं, तो अपने किसी trusted person को daily update देते रहें।
याद रखिए — पहाड़ों में silence खूबसूरत लगता है, लेकिन communication जरूरी है।
🍵 7. Body को adapt करने का time दीजिए
Altitude sickness यानी ऊँचाई पर चक्कर आना, सांस फूलना या उल्टी महसूस होना बहुत common है।
अगर आप पहली बार 7000 ft से ऊपर जा रहे हैं, तो खुद को 1 दिन acclimatize करने दें।
पानी ज्यादा पिएं, alcohol या heavy food avoid करें।
कई travelers कहते हैं — “पहाड़ों में धीरे चलना ही असली luxury है।”
जल्दी करने की कोशिश न करें।
क्योंकि travel सिर्फ destination तक पहुंचना नहीं, बल्कि रास्ते को महसूस करना भी है।
🌿 Bonus Tip: Nature को lightly मत लीजिए
पहाड़ों की beauty जितनी charming है, उतनी fragile भी है।
कचरा न फैलाएं, plastics avoid करें, और हमेशा designated routes पर ही चलें।
Tourism बढ़ रहा है, लेकिन sustainability जरूरी है।
आखिर इन पहाड़ों की खूबसूरती ही तो हमें बार-बार खींच लाती है।
💬 मेरी राय
मुझे लगता है कि पहाड़ी इलाकों में travel करना हर किसी को जिंदगी में कम से कम एक बार जरूर करना चाहिए — क्योंकि वहां की हवा, वहां का सुकून और लोग… सब कुछ अलग vibe देते हैं।
लेकिन ये भी सच है कि “safe travel ही smart travel है।”
Adventure का मज़ा तभी है जब आप खुद और अपने साथ वालों को सुरक्षित रखें।
🌅 Conclusion – पहाड़ों का सफर, यादों से भरा लेकिन समझदारी से
आजकल पहाड़ों का travel फिर से trend में है — लोग remote work के साथ mountain stays चुन रहे हैं, Instagram reels भरपूर हैं, और हर weekend new hikers निकल रहे हैं।
पर असली traveler वही है जो nature की respect करे और safety को priority दे।
तो अगली बार जब आप अपने backpack में excitement भरकर निकलें,
इन 7 safety tips को याद रखिए —
ताकि आपकी journey सिर्फ खूबसूरत नहीं, सुरक्षित और यादगार भी बने।