कभी ऐसा हुआ है कि आप हफ्ते भर काम करके बस weekend का इंतज़ार करते रहे हों?
मुझसे तो पूछो, तो हर Friday शाम एक ही ख्याल आता है — “अब कहीं निकलते हैं!”
शहर की आवाज़ों से कुछ वक्त के लिए दूर, थोड़ी सी ठंडी हवा, पहाड़ों का रास्ता और वो सफर जहाँ mind reset हो जाता है।
इसी feeling से शुरू हुई मेरी छोटी-छोटी weekend trips की कहानी।
आज मैं आपके साथ share कर रहा हूँ अपनी Top 5 जगहें जो 100 km के अंदर हैं,
जिन्होंने हर बार मेरे अंदर की थकान को जैसे पिघला दिया।
🌅 1. भीमताल – झीलों में घुला सुकून
भीमताल मेरे दिल के सबसे करीब है। पहली बार जब गया था, तो लगा — “Nature bhi insaan se baat karti hai.”
झील इतनी शांत थी कि पानी में आसमान literally दिख रहा था।
नैनीताल के मुकाबले कम भीड़, ज्यादा शांति — perfect combo।
मैंने वहाँ एक छोटी सी café में बैठकर adrak wali chai पी थी,
और सामने झील में हल्की-हल्की लहरें उठ रही थीं। वो moment आज भी याद है।
Kya karna na bhoolen:
- झील में boating करें
- Local Maggie stalls पर chai के साथ gossip
- Lake ke around walk करें, subah ke time
🏕️ 2. मुनस्यारी की ओर – जहाँ रास्ता भी कहानी कहता है
कई बार destination नहीं, रास्ता ही trip का hero बन जाता है।
मुनस्यारी की ओर जाते हुए वही vibe मिलती है।
हरे pine forests, पहाड़ी curves और हर मोड़ पर tea stalls — बस वही old-school pahadi feeling।
मैंने एक बार bike पर यह route लिया था,
और believe me, हवा में ऐसी ताजगी थी जैसे oxygen cylinder hi साथ हो 😄
रास्ते में मिले local लोग इतने warm थे कि एक chai stall वाले ने कहा,
“भाई, अगली बार घर आना, lunch साथ करेंगे।”
वो gesture अब भी याद है।
Kya khas hai yahaan:
- Long drive के लिए dreamy route
- हर turn पर photo-worthy views
- Local food aur pahadi chai
🌸 3. कौसानी – जहाँ सूरज भी मुस्कुराता है
कौसानी एक ऐसी जगह है जहाँ time literally slow ho जाता है।
सुबह जब सूरज की पहली किरणें बर्फ से ढके Himalayas पर गिरती हैं,
तो लगता है जैसे nature ने अपनी सबसे खूबसूरत painting सामने रख दी हो।
मैंने वहाँ एक local homestay में ठहरा था —
घर के आँगन में लकड़ी की आग जल रही थी, और aunty ने गरम dal-chawal परोसा।
Simple food, लेकिन दिल में उतर गया।
कौसानी की हवा में कुछ spiritual सा एहसास है।
जैसे हर सांस आपको remind करती हो कि ज़िंदगी को बस थोड़ा धीमा जीना चाहिए।
Kya kar sakte hain:
- Sunrise viewpoint पर जाना
- Local market में woolen clothes खरीदना
- Peaceful walks through tea gardens

🌳 4. नैनीताल का G.B. Pant Park – भीड़ से दूर की शांति
जब भी लोग नैनीताल का नाम सुनते हैं, तो बस झील याद आती है।
लेकिन मेरे लिए असली charm तो G.B. Pant Park में है।
यहाँ की शांति, हरियाली और open valley view — सब कुछ इतना soothing है कि mind instantly relax हो जाता है।
एक बार वहाँ बैठा था, हाथ में किताब और चारों ओर बच्चों की हँसी की आवाज़ें।
ऐसा लगा जैसे life बस इसी पल में रुक गई हो।
कभी-कभी हम बड़ी जगहों के पीछे भागते हैं,
पर असली comfort छोटी जगहों में छिपा होता है।
Best for:
- Peaceful reading spot
- Nature lovers
- Photography without crowd

🌄 5. रामगढ़ – Writers का स्वर्ग
रामगढ़ का नाम सुनते ही एक अलग सा calm feeling आती है।
कई पुराने writers और poets यहाँ आकर लिखते थे — शायद इसलिए इसे “Writers Village” कहा जाता है।
मैंने वहाँ की एक छोटी सी café में बैठे-बैठे अपनी diary में कुछ लिखा था,
और बाहर pine trees ke बीच से आती हवा में एक अजीब सी शांति थी।
यहाँ का सबसे पसंदीदा हिस्सा था —
शाम का sunset, जब आसमान धीरे-धीरे नारंगी रंग में बदल जाता है और
पेड़ों की परछाइयाँ जैसे कोई कविता बोल रही हों।
Must Do:
- Sunset Point visit
- Local fruit orchards में घूमना
- Early morning walk in pine forest

✨ कुछ बातें जो मैंने सीखी
हर trip ने मुझे कुछ सिखाया —
भीमताल ने patience सिखाया,
मुनस्यारी के रास्ते ने adventure,
कौसानी ने शांति,
और रामगढ़ ने introspection।
कभी-कभी 100 km की यात्रा हमें खुद के और करीब ले आती है।
आपको लगता है आप बस घूमने जा रहे हैं,
पर असल में आप खुद को discover करने निकलते हैं।
🌤️ Weekend Travel Tips (जो मैंने अनुभव से सीखे)
- Packing light रखो – सिर्फ essentials लो, बाकी mental baggage घर पर छोड़ दो 😄
- Local से connect करो – हर गाँव या town के लोग अपनी कहानी share करते हैं, सुनना मत भूलो।
- Phones down, eyes up – सबसे खूबसूरत चीज़ें स्क्रीन से नहीं, दिल से दिखती हैं।
- Weekend को सिर्फ आराम के लिए मत रखो – थोड़ी adventure bhi zaroori hai.
🌊 Personal Connection
पिछले article में मैंने लिखा था “मेरे गाँव से 10 km दूर वो झील जहाँ सुकून मिला”,
और शायद वही झील मेरे अंदर ये curiosity लेकर आई कि —
अगर 10 km में इतना सुकून है, तो 100 km में कितनी कहानियाँ छिपी होंगी?
और सच कहूँ तो, हर weekend उस सवाल का नया जवाब बन गया।
🌿 आख़िरी लाइन – “Weekend सिर्फ छुट्टी नहीं, healing का तरीका है”
हम सब कभी न कभी routine में खो जाते हैं।
लेकिन जब आप निकलते हैं, भले 50 या 100 km ही क्यों न हों,
आप वापस आते हैं एक नए version के साथ।
भीमताल की हवा, कौसानी का सूरज, रामगढ़ की शांति —
इन सबने मुझे सिखाया कि सुकून किसी दूर देश में नहीं,
बस थोड़ा सा बाहर निकलने की हिम्मत में छिपा है।
तो अगली बार जब weekend आए, बस plan मत बनाइए — निकल पड़िए।
क्योंकि कुछ रास्ते हमारे इंतज़ार में हैं, सिर्फ हम पर भरोसा करने के लिए। 🚗💨